Monday, June 10, 2013

तुमने दिल की बात कहदी आज ये अच्छा हुआ, हम तुम्हे अपना समझते थे, बडा़ धोका हुआ. - इक़बाल अज़ीम


तुमने दिल की बात कहदी आज ये अच्छा हुआ,
हम तुम्हे अपना समझते थे, बडा़ धोका हुआ.

जब भी हमने कुछ कहा उसका असर उल्टा हुआ,
आप शायद भूलते हैं, बारहा ऐसा हुआ.

आपकी आंखों में ये आंसू कहाँ से आ गए,
हम तो दिवाने हैं लेकिन आपको ये क्या हुआ.

अब किसी से क्या कहें "इक़बाल" अपनी दास्ताँ,
बस ख़ुदा का शुक्र है, जो भी हुआ अच्छा हुआ.

- इक़बाल अज़ीम

बारहा = कई बार, बार बार
दास्ताँ = कहानी

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