Monday, June 10, 2013

तेरे आने की जब ख़बर महके, तेरी ख़ुशबू से सारा घर महेके. - नवाज़ देवबंदी


तेरे आने की जब ख़बर महके,
तेरी ख़ुशबू से सारा घर महेके.

शाम महके तेरे तसव्वुर से,
शाम के बाद फिर सहर महके.

रात भर सोचता रहा तुझको,
ज़हनो-दिल मेरे रात भर महके.

याद आये तो दिल मुनव्वर हो.
दीद हो जाए तो नज़र महके.

वो, घडी़ दो घडी़ जहाँ बैठे,
वो ज़मीं महके वो शजर महके.

- नवाज़ देवबंदी

तसव्वुर = कल्पना
ज़हनो दिल = दिल और दिमाग
मुनव्वर = रोशन
दीद = दर्शन
शज़र = पेड़
सहर = सवेरा

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