Monday, June 10, 2013

मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो, मेरी तरह तुम भी झूटे हो. - बशीर बद्र


मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो,
मेरी तरह तुम भी झूटे हो.

इक टहनी पे चाँद टिका था,
मैं ये समझा तुम बैठे हो.

उजले उजले फूल खिले थे,
बिल्कुल जैसे तुम हंसते हो.

मुझको शाम बता देती है,
तुम कैसे कपडे़ पहने हो.

तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे,
बच्चों सी बातें करते हो.

- बशीर बद्र

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