Monday, June 10, 2013

हमने देखी है उन आंखो की महेकती खूश्बू, - गुलज़ार

हमने देखी है उन आंखो की महेकती खूश्बू,
हाथ से छुके इसे रिश्तो का इल्ज़ाम ना दो,
सिर्फ़ एहसास है ये रुह से मेहसुस करो,
प्यार को प्यार ही रहेने दो कोई नाम ना दो.
हमने देखी है उन आंखो की महेकती खूश्बू,
हाथ से छुके इसे रिश्तो का इल्ज़ाम ना दो,
हमने देखी है.....

प्यार कोई बोल नहीं प्यार आवाज़ नहीं,
एक ख़ामोशी है सुनती है कहां करती है,
न ये बूजती है न रुकती है न ठहरी है कहीं,
नूर की बूंद है सदीयों से बहा करती है.

सिर्फ़ एहसास है ये रुह से मेहसुस करो,
प्यार को प्यार ही रहेने दो कोई नाम ना दो.
हमने देखी है उन आंखो की महेकती खूश्बू,
हाथ से छुके इसे रिश्तो का इल्ज़ाम ना दो,
हमने देखी है.....

मुश्कुराहट सी खीली रहती है आंखो मे कहीं,
और पलको पे उजाले से झूके रहेते है,
होठ कुछ कहते नहीं कांप ते होठो पे मगर,
कितने ख़ामोश से अफ़साने रुके रहेते है.

सिर्फ़ एहसास है ये रुह से मेहसुस करो,
प्यार को प्यार ही रहेने दो कोई नाम ना दो.
हमने देखी है उन आंखो की महेकती खूश्बू,
हाथ से छुके इसे रिश्तो का इल्ज़ाम ना दो,
हमने देखी है.....

- गुलज़ार,  M.D, हेमंत कुमार

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