तन्हा न अपने आपको अब पाइए जनाब,
मेरी ग़ज़ल को साथ लिए जाइए जनाब...
मेरी ग़ज़ल को साथ लिए जाइए जनाब...
नग़्मों की बारिशों में कहीं भीगने चलें,
मौसम की आरज़ू को न ठुकराइये जनाब...
मौसम की आरज़ू को न ठुकराइये जनाब...
रिश्तों को भूल जाना तो आसान है मगर,
पहले ख़ुद अपने आपको समझाइये जनाब...
पहले ख़ुद अपने आपको समझाइये जनाब...
ऐसा न हो थमे हुए आँसू छलक पड़ें,
रुख़सत के वक़्त मुझको न समझाइये जनाब...
रुख़सत के वक़्त मुझको न समझाइये जनाब...
मैं 'साज़' हूँ ये याद रहे इसलिए कभी,
मेरे ही शेर मुझको सुना जाइये जनाब...
मेरे ही शेर मुझको सुना जाइये जनाब...
- साज़ जबलपुरी
Beautiful compilation Hitesh
ReplyDeleteKeep it up.
Beautiful Ghazal
ReplyDeleteBahut hi gazab ke alfaz ko chuna gaya hai ye achchi lagi
ReplyDeleteSuper....
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeleteबहुत ही शानदार ग़ज़ल है
Good song
ReplyDeleteChandan ki gazal h
ReplyDeleteVery excellent collection...
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