Friday, September 13, 2013

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला, अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिला. - बशीर बद्र

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला,
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिला.

घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे,
बहुत तलाश किया कोई आदमी ना मिला.

तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड आया था,
फिर इसके बाद मुझे कोई अजनबी ना मिला.

बहुत अजीब है ये कुरबतों की दूरी भी,
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी ना मिला.

खुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंने,
बस एक शख्स को मांगा मुझे वही ना मिला.

- बशीर बद्र

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